जय गो माता
|| ॐ करणी ||
जय गुरुदाता
धेनु धन फाउंडेशन
'धेनु धन - पवित्र मन '
फाउंडेशन के सदस्य

हमारे बारे में संक्षिप्त में जानकारी
मध्यप्रदेश के सालरिया, आगर मालवा में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संचालित कामधेनु गौ अभयारण्य में परम पूज्य सद्गुरुदेव भगवान के मुखारविंद से एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव आयोजन के दौरान एक बैठक में गौमाता की सेवा को किस प्रकार वैश्विक विस्तार प्रदान किया जाए…इस विषय पर विचार किया गया, तब मन में ऐसा भाव जाग्रत हुआ की गौमाता की वैश्विक स्तर पर महिमा को वापिस उजागर करना है, तो हर सम्भव प्रयास करने होंगे। गौमाता के गव्य आध्यत्मिक, व्यावहारिक और वैज्ञानिक दृष्टि से मानव जाति अपने सर्वोच्च स्तर ले जाने का महत्व रखते है। इनके प्रयोग से और संग से मानव सकारात्मकता का उच्च स्तर हासिल करेगा, पूर्ण स्वास्थ्य पा सकेगा।
आजकल पूरे देश मे देखने को मिल रहा है कि गोमाताएं जगह- जगह सडकों पर कूड़ा-करकट में बैठी रहती है और ऐसे कूड़ा करकट के ढ़ेरों मे जो कुछ उन्हें बासी भोजन मिलता है, उन्हें वो पा लेती है। पूरे देश मे गोमाता की तस्करी कसाईयों द्वारा हो रही है और उनको बड़ी ही बेदर्दी से मारकर उनके मांस, हड्डी को एक्सपोर्ट किया जा रहा है।
इस आर्थिक युग मे लोगों को सिर्फ अर्थ से ही मतलब रह गया है। इसलिए जब गौमाता दूध देना बंद कर देती है, तो वे उन्हें घरों से निकाल देते है।
गवर्नमेंट की डेयरी योजना में फैट मानक पर दूध को खरीदने से गौमाता अमृततुल्य दूध की वैल्यू घट गई है, जिससे भारी नुकसान गौवंश को हो रहा है। गौमाता के गोबर जिसमें लक्ष्मी जी का वास है और गौमूत्र जिसमें गंगा जी का वास है, उसकी वैल्यू लोगों द्वारा विस्मृत हो जाने से गोवंश को बड़ा नुकसान झेलना पड़ रहा है।
कुछ मुट्ठीभर लोग भारत में गव्य उत्पाद कर रहें है, परन्तु उनको मार्केट नहीं मिल पा रहा हैं, जिससे वे निराशा की ओर बढ़ रहें है, उनका सहयोग करना, जिससे गोवंश की दशा इस देश में अच्छी स्थिति में आ जाए

धेनु धन फाउंडेशन का विजन
Vision of Foundation:-
प्राचीन काल से ही भारत में गोधन को मुख्य धन मानते आए हैं और हर प्रकार से गौ-रक्षा, गौ-सेवा एवं गो पालन पर ज़ोर दिया जाता रहा है। हमारे हिन्दू शास्त्रों, वेदों में गौरक्षा, गौ महिमा, गौ पालन आदि के प्रसंग भी अधिकाधिक मिलते हैं। रामायण, महाभारत, भगवद्गीता में भी गाय का किसी न किसी रूप में उल्लेख मिलता है। गाय, भगवान श्री कृष्ण को अतिप्रिय है।
तो ऐसी भगवान कृष्ण की प्यारी गौमाता की सेवा करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। जीवन में आनंद आता है,और ऐसे भगवती गौमाता को भाव से घास जिमानी चाहिए। इसी भाव को ध्यान में रखते हुए धेनु धन फाउंडेशन नामक गो-सेवी संस्था का निर्माण किया गया है, ताकि अधिक से अधिक धर्मपरायण लोग गौ-सेवा का लाभ ले सके।